KaviJE
Kavi ki Kavita
Menu
होम
प्रार्थना
श्लोक
काव्य संकलन
कुंडलियाँ
कविताएं
सभी कविताएं
हास्य कविताएं
प्रेरक कविताएं
करुण कविताएं
वीर कविताएं
दोहे
राष्ट्र
राष्ट्र गान
राष्ट्र गीत
कवि सम्मेलन
ABOUT Us
CONTACT Us
Saturday, January 28, 2017
मन की बात
अपने मन के दुख को कहूं न कहना रोय
सुनि कै खुश सब होइगे मदद न करि है कोय
मदद न करि है कोय हँसी सब तोरि उड़ै है
करि है महा प्रचार जहाँ तक वह चलि जै है
कहते जी.डी. सिंह व्यथा जो होवे तन की
सब बाधा कटि जाय कहयो तब अपने मन की
By :-
जी. डी. सिंह
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment