Saturday, January 28, 2017

नीच की नीचता


नीच न छोड़ै नीचता केतनउ करौ उपाय,
दूध पिलाओ सांप का विष ही बढ़ता जाय,
विष ही बढ़ता जाय चले वह एकदम उल्टा,
जैसे घर का नासि करै वह नारी कुल्टा,
कहते जी. डी.  सिंह उधर से लेना आँखे मीच,
घर बाहर अरु राह माँ जो मिल जाय नीच।

By :- जी. डी. सिंह

  

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