पढ़ना लिखना चढ़ि गयो आरक्षण की भेट,
लरिका सब बेकार में खली होइगै टेंट,
खली होइगै टेंट न कोई पूछन हारा,
भटके भटके फ़िरौ मिलै नहि कहू किनारा,
कहते जी. डी. सिंह चूर में सारे सपना,
भइया जोतो खेत व्यर्थ मा पड़ना लिखना ।
लरिका सब बेकार में खली होइगै टेंट,
खली होइगै टेंट न कोई पूछन हारा,
भटके भटके फ़िरौ मिलै नहि कहू किनारा,
कहते जी. डी. सिंह चूर में सारे सपना,
भइया जोतो खेत व्यर्थ मा पड़ना लिखना ।
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