कहलायो जन मातु ने गमन कीन वन राम,
सिया हरण कइ लइ गयो रावण अपने धाम,
रावण अपने धाम पाई सुधि कीन चढ़ाई,
मच्यो घोर संग्राम लंक मा धूरि उड़ाई,
कहते जी. डी.सिंह मारि जब रावण पायो,
क्वार मास शुभ दिवश विजय दशमी कहलायो।
सिया हरण कइ लइ गयो रावण अपने धाम,
रावण अपने धाम पाई सुधि कीन चढ़ाई,
मच्यो घोर संग्राम लंक मा धूरि उड़ाई,
कहते जी. डी.सिंह मारि जब रावण पायो,
क्वार मास शुभ दिवश विजय दशमी कहलायो।
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