Monday, July 3, 2017

॥ कबीर के दोह ॥

दुख म सुमिरन सब करे , सुख मे करे न कोय ।
जो सुख मे सुमिरन करे , दुख कहे को होय ॥ 1 ॥


साईं इतना दीजिये , जा मे कुटुम समाय ।
मैं  भी भूखा न रहूँ , साधु न भूखा जाय ॥ २  ॥




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