Monday, July 3, 2017

राष्ट्रगान

जन-गण-मन अधिनायक जय हे
भारत भाग्य-विधाता,
पंजाब-सिंधु-गुजरात-मराठा 
द्राविधु -उत्कल-बन्ग
विन्ध्य-हिमाचल-यमुना-गन्गा
उच्छल-जलधि-तरंग
तव शुभ नामे जागे
तव शुभ आशीष मांगे,
गाहे तव जय-गाथा
जन-गण-मन-मंगलदायक जय हे
भारत-भाग्य-विधता
जय हे, जय हे, जय हे,
जय जय जय जय हे.

ॐ असतो मा सद् गमय।

ॐ असतो मा सद् गमय। 
तमसो मा ज्योतिर्गमय।
मृत्योर्मा अमृतं  गमय। 

ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः।। 

ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं

ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं 
पूर्णात्पूर्णमुदच्यते। 
पूर्णस्य पूर्णमादाय 
पूर्णमेवावशिष्यते । 
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ।। 

देवी मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु माँ रूपेण संस्थिता 
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति  रूपेण संस्थिता 
या देवी सर्वभूतेषु बुद्धि  रूपेण संस्थिता 
या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मी  रूपेण संस्थिता 
    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।। 

महामृत्युजंय मंत्र

 त्रयम्बकं यजामहे | 
सुगन्धिं  पुष्टि वर्द्धनम || 
उर्वारुकमिव बंधनान |  
मृत्योर्मुक्षीय मामृतात || 
   

विष्णु मंत्र

त्वमेव माता ,च पिता त्वमेव
त्वमेव बन्धु ,च सखा त्वमेव
त्वमेव विद्या, च द्रविडम त्वमेव
त्वमेव सर्वम मम्देवदेवा  ॥

॥ कबीर के दोह ॥

दुख म सुमिरन सब करे , सुख मे करे न कोय ।
जो सुख मे सुमिरन करे , दुख कहे को होय ॥ 1 ॥


साईं इतना दीजिये , जा मे कुटुम समाय ।
मैं  भी भूखा न रहूँ , साधु न भूखा जाय ॥ २  ॥